मेरा प्रिय मित्र अनुच्छेद
अनुराग मेरा सबसे प्रिय मित्र है। उसका घर मेरे घर के पास ही है। मैं प्रतिदिन उसके घर जाता हूँ और उसके साथ खेलता और पढ़ता हूँ । अनुराग मेरे पड़ोस में रहता है और मेरे ही स्कूल में पढ़ता है। पढ़ाई में वह मुझसे से अच्छा है । वह मेरा मन कभी नहीं दुखाता। हम दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते हैं।अनुराग बहुत नम्र लड़का है। उसे मैंने किसी के साथ झगड़ा करते नहीं देखा। वह समय का बहुत पाबंद है। सच्चे मित्र की पहचान मुसीबत के समय होती है। कहते हैं सच्चा मित्र ईश्वर का अमूल्य उपहार है। मुझे अपने इस दोस्त पर गर्व है।
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