भारत देश
भारत देश हमारा है,
हमें जान से प्यारा है।
दुनिया का सरताज है ये,
सारे देशों से न्यारा है।।
गंगा-यमुना नदियाँ हैं बहतीं,
हिमालय-सा पर्वत है।
भिन्न-संस्कृति, भिन्न हैं उत्सव,
यहाँ भाषाओं का संगम है।।
हम सब ये वादा करते हैं,
हम आगे बढ़ते जाएँगे।
कभी न झुकने देंगे इसको,
हम इसकी शान बढ़ाएँगे।।
भारत देश
शब्दार्थ: सरताज -सिर का मुकुट, सबसे ऊँचा, न्यारा -अलग, पर्वत-पहाड़, उत्सव-त्योहार
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