Saturday, 21 August 2021

घमंडी मक्खी - भाषा अभ्यास

घमंडी मक्खी - भाषा अभ्यास

1. क्का -  पक्का मक्का चक्का
     क्ख -    मक्खीचूस मक्खन मक्खी
2.समान लय वाले शब्द
जंगल मंगल दंगल डंगल
मकडी ककड़ी लकड़ी जकड़ी पकड़ी
हाथी साथी भाथी
3.अर्थ लिखो
जंगल -वन
 शेर-सिंह
स्नान-नहाना
 हिम्मत- साहस
4.वचन बदलो
शेर ने पंजे मारे।
मक्खियाँ भिनभिना रही थीं।
 मकड़ियों ने जाले बनाए।
5.वाक्य बनाइए।
हमें घमंड नहीं करना चाहिए।
हमें बार-बार कोशिश करनी चाहिए।
हमें हिम्मत से काम लेना चाहिए।
6. मुहावरों से वाक्य बनाइए।
अचानक नींद से जगाने पर वह आग बबूला हो गया।
मम्मी  मेरी बत सुनकर मंद-मंद मुसकराने लगी।
मच्छरों ने मेरे नाक में दम कर रखा है।

7.घमंडी मक्खी पाठ से हम ने यह सीखा कि
हमें कभी घमंड नहीं करना चाहिए।
हमें दूसरों को परेशान नहीं करना चाहिए।
हमें गुस्सा नहीं करना चाहिए।
हमें किसी को मामुली नहीं समझना चाहिए।
हमें सोच-समझकर काम करना चाहिए।

पाठ 6 घमंडी मक्खी(Q/A )

 पाठ 6 घमंडी मक्खी(Q/A )

कहानी में से
1.शेर को गु्स्सा क्यों आया?
उत्तर - शेर को गु्स्सा आया क्योंकि मक्खी उसे परेशान कर रही थी
2.मक्खी ने हाथी से क्या कहा?
उत्तर - मक्खी ने हाथी से कहा कि वह बहुत ताकतवर है और उसने शेर को हरा दिया है।
3.मक्खी में घमंड क्यों आ गया?
उत्तर - जब मक्खी को लगा कि उसने जंगल के राजा शेर को हरा दिया है तब उसमें घमंड आ गया।
4.अंत में मक्खी के साथ क्या हुआ?
उत्तर - अंत में मक्खी मकड़ी के जाल में  फँस गई और निकल नहीं पाई

5.सही शब्द से कहानी की घटनाओँ को पूरा कीजिए-
क)शेर -------------- के नीचे सो रहा था।      
 पेड़
ख)मक्खी ने कहा- "शेर और हाथी मुझसे ------------- हैं।"
डरते
ग)मक्खी --------------- के जाले में फँस गई।
मकड़ी

Monday, 16 August 2021

मेरा मित्र -(अनुच्छेद लेखन)

 मेरा मित्र अनुच्छेद

अनुराग मेरा सबसे प्रिय मित्र है। उसका घर मेरे घर के  पास ही है। मैं प्रतिदिन उसके घर जाता हूँ और उसके साथ खेलता और पढ़ता हूँ । उसके पिताजी  इंजीनियर हैं।  मेरे और अनुराग के परिवार सभी एक-दूसरे को जानते हैं। हम दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते हैं।अनुराग बहुत नम्र लड़का है।  उसे मैंने किसी के साथ झगड़ा करते नहीं देखा। खेल में हारकर भी वह उदास और दुखी नहीं होता है।  वह समय का बहुत पाबंद है। उसी ने मुझे समय का महत्त्व समझाया है। सच्चे मित्र की पहचान मुसीबत के समय  होती है। अनुराग हमारे घर के हर कार्यक्रम साथ देता  है। कहते हैं सच्चा मित्र ईश्वर का अमूल्य उपहार है। मुझे अपने इस दोस्त और हमारी दोस्ती पर गर्व है।

 


पाठ-11चूँ-चूँ की टोपी- क्वीज-WB

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